है हमार बेटवा तो सोना,
न चिल्लाय न जानै रोना।
सब जगह घूमै कोना-कोना,
न लाग जाय वहिका टोना।।
एक दिन आई एक चिरइया,
चहकै लाग भइया, भइया, भइया।
हम गाई, तुम नाचौ ता ता थइया,
गावत-गावत थक गय हाय दइया।।
दुवारे बोलावै एक उज्जर गइया,
गटई मा लटकत रहय गेरंइया ।
सबसे पूछै कहाँ गा हमार भइया,
बोलाओ तो लै लेई बलइया।।
दूध पिययँ तीन-चार भगोना,
फाँकय शक्कर दोना-दोना ।
केहु कहय साँवर केयू सलोना,
है हमार बेटवा तो सोना ।।